Monday, February 9, 2009






रंगत उसकी भूरी- सुनहरी

कान हैं लंबे, दुम है छोटी

साथी मेरा हरदम हरपल

मेरे संग वो देता है चल

गेंद है उसको बहुत ही प्यारी

हिन्दी समझ में आती सारी

गाय से है बेहद नाराजगी

खुन्नस है कुछ खामखा की

प्यार नहीं शर्तों पे जिसका

जग्गू बंग्लुरिया नाम है उसका !






















2 comments:

Anonymous said...

Gajab Hai Jaggu

Unknown said...

i felt as if a small girl of 7 might have written these words :)
cute poem !!

googly woogly whoosh!!

regards
N