कल रात हौले से
ठंडी हवा लग गयी गले
बड़े करीबी दोस्त की तरह !!
उसके स्पर्श ने दी ठंडक
मेरी सुलगती चुभन को
बांहें फैलाए
चमकीली रेत से सफ़ेद बादल
कुछ दूर यूँ ही साथ चलने को कह रहे थे
मुझे हिचकता देख
चाँद आ बैठा सामने
उसकी मुस्कान.......
सारे तर्क धरे रह गए !!!!!