धागा है यह प्रेम का ,
नाज़ुक पर कमज़ोर नहीं !!
ऊंची-ऊंची हैं चट्टानें ,
पर झरना है - रुकता तो नहीं !!
उम्मीदों का दामन पकड़ा ,
हँसना है रोना तो नहीं !!
रोना ,गिरना ,थमना, रुकना ,
पड़ाव हैं ये ठहराव नहीं !!
जीवन हमको रोज़ सिखाता ,
परखता तो है पर दोस्त यही !!