Thursday, December 9, 2021

 झांकते हुए चाँद ने 

छेड़ी कुछ ऐसी बातें कि

ठंडी हवा से तरंगित

शाख़ों की पत्तियाँ 

हंसते-हंसते हो गयीं

धानी से सुर्ख़ ....

और चाँदनी ने छिटककर 

कर दिया पूरा माहौल 

चमकीला.....ख़ुशनुमा !!!



Sunday, December 5, 2021

 दिन की सुनहरी आभा

लोप होती हुई 

श्यामल विस्तार में,

फिर तारों भरी रात का

सूर्योदय के साथ विदा ले लेना -

अनगिनत आयामों में से 

ये एक  आयाम 

दिखाता है मुझे 

प्रकृति के विभिन्न आयामों के 

सहज जुड़ाव का सुंदर स्वरूप,

और सिखाता है मुझे 

कि बहाव ही ज़िंदगी है, जड़ता नहीं ।



Monday, November 22, 2021

 साफ़ हो गया रास्ता यों

धुल गया ज्यों 

बेबाक़ बरसात में 

और 

मौन कमरे में 

धमाचौकड़ी करते शब्द 

निकल आए हैं 

पन्नों के दालान में खेलने !!