सर्दियों की कुनकुनी धूप :)
सहला कर जगाती फूलों को
अपनी गरमाहट से ।
इस धूप से पिघल कर
हटती जाती रात की शीत
और ओस धुले फूल-पौधे
चमक उठते ।
पंछियों की चहचहाहट
सुरीला स्वागत करती है
इस धूप का ।
कुछ ही देर में
तितलियाँ भी उतर आतीं
इस संगीत पर
अपना नृत्य दिखाने ।
प्रकृति बेजोड़ है :)
Thursday, December 10, 2015
Thursday, November 5, 2015
आसमान देश
आसमान देश में
बसते हैं बादल बाशिंदे
पल भर को भी एक जगह टिकते नहीं !!
लगते हैं जैसे हो बंजारों की टोली
कुछ अपनी धुन में मदमस्त
तो कुछ को है मेले में पहुँचने की जल्दी !!
उकेरते हैं सुबह से शाम
एक जादू - नगरी,
देखते ही देखते आँखों के सामने
बनते जाते हैं -
घोड़े - हाथी, गुच्छेदार पौधे, झबरीले कुत्ते
और कुछ ही पलों में घुल जाते हैं आसमान में !!
तैरते दिखते हैं जब नीले आसमान में
ये रुई से नरम मुलायम गद्दे,
तो सोचती हूँ
इन पर लेट कर
आसमान देश घूम आऊँ !!
बसते हैं बादल बाशिंदे
पल भर को भी एक जगह टिकते नहीं !!
लगते हैं जैसे हो बंजारों की टोली
कुछ अपनी धुन में मदमस्त
तो कुछ को है मेले में पहुँचने की जल्दी !!
उकेरते हैं सुबह से शाम
एक जादू - नगरी,
देखते ही देखते आँखों के सामने
बनते जाते हैं -
घोड़े - हाथी, गुच्छेदार पौधे, झबरीले कुत्ते
और कुछ ही पलों में घुल जाते हैं आसमान में !!
तैरते दिखते हैं जब नीले आसमान में
ये रुई से नरम मुलायम गद्दे,
तो सोचती हूँ
इन पर लेट कर
आसमान देश घूम आऊँ !!
Friday, September 18, 2015
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