शब्द -
कहीं तैरते,
कहीं बहते तो कहीं उड़ते,
कहीं अलसाये से पड़े
लुका - छिपी के खेल में माहिर
ढूँढने पे मुश्किल से मिलते !
आकर चुपके से बैठ जाते हैं गोदी में ,
आँखे मूंदती हूँ जैसे ही मैं
और मचलते हुए रंग भर देते हैं
मेरी लेखनी में !!
Thursday, November 27, 2008
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