Thursday, November 5, 2015

आसमान देश

आसमान देश में
बसते हैं बादल बाशिंदे
पल भर को भी एक जगह टिकते नहीं !!

लगते हैं जैसे हो बंजारों की टोली
कुछ अपनी धुन में मदमस्त
तो कुछ को है मेले में पहुँचने की जल्दी !!

उकेरते हैं सुबह से शाम
एक जादू - नगरी,
देखते ही देखते आँखों के सामने
बनते जाते हैं -
घोड़े - हाथी, गुच्छेदार पौधे, झबरीले कुत्ते
और कुछ ही पलों में घुल जाते हैं आसमान में !!

तैरते दिखते हैं जब नीले आसमान में
ये रुई से नरम मुलायम गद्दे,
तो सोचती हूँ
इन पर लेट कर
आसमान देश घूम आऊँ !!





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