Wednesday, February 20, 2019

सुबह सवेरे दिखा चाँद
उड़ा - उड़ा रंग ,
बहुत थका .....

रात कल उसकी थी -
पूर्ण कलाओं वाली 👌
लेकिन सुबह तक चली मस्तियों ने
कर दिया उसे निढाल !
क्या भूल गया वो अपनी समय रेखा ?

या शायद .....
वो चाय की टपरी ढूँढ रहा था
घर जाते हुये 😊


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