दिन की सुनहरी आभा
लोप होती हुई
श्यामल विस्तार में,
फिर तारों भरी रात का
सूर्योदय के साथ विदा ले लेना -
अनगिनत आयामों में से
ये एक आयाम
दिखाता है मुझे
प्रकृति के विभिन्न आयामों के
सहज जुड़ाव का सुंदर स्वरूप,
और सिखाता है मुझे
कि बहाव ही ज़िंदगी है, जड़ता नहीं ।
No comments:
Post a Comment