Tuesday, February 10, 2009

निकल आई एक पुरानी किताब !



पन्ने पलटते हुए , कहानी के साथ



फिर से ताज़ा हो गयीं वो यादें



"सिर्फ़ तुम्हारे लिए " -



लिखा था पहले पन्ने पर



पढ़ कर आज भी




एक मुलायम एहसास से भर गया मन !




चाहत जीने का एक सुंदर सबब है !!




7 comments:

Bhawna Kukreti said...

chahat jeene ka sundar sabab hai , bahut badhiya

राजीव करूणानिधि said...

खूबसूरत कविता लगी आपकी. वैसे मै भी कविता और गज़लों का शौकीन हूँ. कभी फुर्सत मिले तो ज़रूर आइयेगा मेरे ब्लॉग पर. आभार.

अभिषेक मिश्र said...

संछिप्त और सहज भावपूर्ण कविता.

Anonymous said...

अच्छी रचना है । लिखते रहिए यही कामना है आभार

हरकीरत ' हीर' said...

निकल आई एक पुरानी किताब !
पन्ने पलटते हुए , कहानी के साथ
फिर से ताज़ा हो गयीं वो यादें
"सिर्फ़ तुम्हारे लिए .....Vimmi ji bhot sunder bhav liye hai aapki rachna...Bdhai..!!

daanish said...

किसी छिपे-से एहसास की
ज़ाहिर सी अभ्व्यक्ति
बधाई
---मुफलिस---

Arvind Gaurav said...

realy its a heartbeat creation
पन्ने पलटते हुए , कहानी के साथ
फिर से ताज़ा हो गयीं वो यादें
i feel it.