इस माह तो रिकार्ड टूट गया ,एक माह तीन -तीन रचनाये ? कहाँ से ये जोश मिला ? माना मनमुटाव पर्सनल होते हैं ,पूछता नहीं बता रहा हूँ ..... जैसे प्यार की छुअन पोर-पोर में !! ..................... ..................... ...................... चित्त हो गया पंख सा हल्का ,
जो भर ली अपने अन्दर
ऐसी सुखद शाम !!!!
लगता है सारे गिले मिट गए , जो घिरे बदल प्यार के , खूब बरसा ऐसा फुहार, जो घोले था रस मनुहार के , टूटे पाषाण तकरार के , फूटे झरने प्यार के लगा द्वार खोल दिए सृष्टि ने चौथे आयाम के | बधाई . तीनो रचनाएँ अच्छी लगीं
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इस माह तो रिकार्ड टूट गया ,एक माह तीन -तीन रचनाये ? कहाँ से ये जोश मिला ? माना मनमुटाव पर्सनल होते हैं ,पूछता नहीं बता रहा हूँ .....
जैसे प्यार की छुअन पोर-पोर में !!
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चित्त हो गया पंख सा हल्का ,
जो भर ली अपने अन्दर
ऐसी सुखद शाम !!!!
लगता है
सारे गिले मिट गए ,
जो घिरे बदल प्यार के ,
खूब बरसा ऐसा फुहार,
जो घोले था रस मनुहार के ,
टूटे पाषाण तकरार के ,
फूटे झरने प्यार के
लगा द्वार खोल दिए
सृष्टि ने चौथे आयाम के |
बधाई . तीनो रचनाएँ अच्छी लगीं
ज़िन्दगी ने की है पहल !
और
नए आयाम में आई हूँ मैं टहल !
वाह !
एक खुशनुमा तहरीर .....
खूबसूरत ख़याल ........
और उम्दा नज़्म .
---मुफलिस---
सन्देश मिला धन्यवाद
वाह ......... कितनी सुखद अभिव्यक्ति है ........... मन के तार हिला गयी ............ सुन्दर रचना
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