साफ़ नीला आसमान,
सफ़ेद बादलों के चाँदी वर्क में लिपटा
धूप छन के आती जिनसे,
गर्माहट देती गीली मिट्टी को
और मुलायम छुवन से
उठा देती है हर गीले पौधे का सिर -
जो पूरे दिन और रात की पुरज़ोर बारिश से
सहम कर सिमट गया था अपने में !
यूँ लगा मुझे
ज्यों हर पौधा धुल कर चमका
फिर ख़ुशी में लहका !!!
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