तुम्हारे चंद शब्द -
अचानक बरसीं ये नन्ही-नन्ही बूँदें !
ठंडक भर गई अंतर में !!
कोयल की कूक सी भली लगती,
दूरी को पाटती,
तुम्हारी आवाज़ की मुस्कान!
मेरे दोस्त,
ज्यों सामने खड़े हो तुम-
गले लगाने को जी चाहा !!!
दोस्त दिलों में ही रहते है ,
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