Saturday, October 29, 2022

कुछ खिले

कुछ अधखिले,  


कभी प्यार के इज़हार में 

कभी गले के हार में,


कहीं खूब सजे दुनिया को दिखाने में 

कहीं छुप के रहे पन्नों में ज़माने से,


रहे हमेशा सब देवों के पसंदीदा 

और अंत समय में भी चल दिये साथ,


इनके ये चार दिन 

         हैं हर भाव से

              संपूर्ण !

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