कदम्ब तले खड़े
याद कर रही हूँ कृष्ण को
उस मुरली की तान को
जिससे में भी खिंची चली आयी हूँ
बेहद रोमांचित हूँ ,
और सम्मोहित भी
महसूस कर रही हूँ नजदीकी -
उस माधव की !
कौन जाने बांसुरिया किसको बुलायेजिसको बुलाये, ये उसी के मन भायेश्याम का दीवाना तो सारा ब्रिज धामराधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम ||आप बहुत अच्छा लिखती हैंआदर सहितनवीन शर्मा
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कौन जाने बांसुरिया किसको बुलाये
जिसको बुलाये, ये उसी के मन भाये
श्याम का दीवाना तो सारा ब्रिज धाम
राधा का भी श्याम वो तो मीरा का भी श्याम ||
आप बहुत अच्छा लिखती हैं
आदर सहित
नवीन शर्मा
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