I am not understanding why ? ; each & every time your words inspir me!!!? Please don't mind htis is to you ......
मैंने वक्त से माँगी थोडी छाँव उसके आँचल तले , ज़िन्दगी की रह गुज़र पर , जलते हैं तन और मन हालात की धूप तेज है बहुत , इन ठंडे ठंडे हर्फ़ों मांगूं दे दो थोड़ी बरसात रिम-झिम ,रिम-झिम ]
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I am not understanding why ? ; each & every time your words inspir me!!!? Please don't mind htis is to you ......
मैंने वक्त से माँगी थोडी छाँव
उसके आँचल तले ,
ज़िन्दगी की रह गुज़र पर ,
जलते हैं तन और मन
हालात की धूप तेज है बहुत ,
इन ठंडे ठंडे हर्फ़ों मांगूं
दे दो थोड़ी बरसात रिम-झिम ,रिम-झिम ]
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