Friday, December 26, 2008

एक नया क्षितिज

कुछ नए आयाम

तलाश जारी है.............

मस्त शामें

और कुछ मदभरी रातें

तलाश जारी है .............

पेड़ों की कतारों भरे रास्ते

और कुछ ओस जड़े गुलाब

तलाश जारी है .................

अनगिनत स्याह रातों के बदले

सिर्फ़ चंद सुप्रभात

तलाश जारी है....................

ज़र्द हुए चेहरों और सर्द होते रिश्तों को

धूप सिंके दालानों की

तलाश जारी है ...........................

3 comments:

अनुपम अग्रवाल said...

लगा जैसे प्रकृति अपना संगीत सूना रही हो.
काश आप की तलाश पूरी हो जाए .

!!अक्षय-मन!! said...

ये तलाश जारी रहे क्यूंकि इस खोज मे मन भी खो गया है कहीं....
इन वादियों में छुपा है जिंदगी का एक पयाम.........
kamaal ka likha hai

makrand said...

ज़र्द हुए चेहरों और सर्द होते रिश्तों को

धूप सिंके दालानों की

तलाश जारी है ...........................


great composition it realy penetrate the heart of any individual great thought
keep on writing